एक शहर में दो कानून,गरीबो को नोटिस तो सूटेड बूटेड को सरक्षंण देती परिषद... निजी फायदे के लिये कोर्ट की अवहेलना को भी तैयार, तो बिना नोटिफिकेशन के बन रही चोकी पर साध रखा मोन.....नगर सरकार फेर रही शिव के राज पर पानी दुकानो की लीज में कोई नियम नही ओर सीखा रही जनता को नियमो का पाठ....




पेटलावद से हरिश राठौड़ की रिपोर्ट


पेटलावद| प्रदेश के मुखिया जहां प्रदेश में हर वर्ग के व्यक्ति के लिए समान कानून और नियम होने तथा सुशासन लागू होने की बात कर रहे हैं | वहीं पेटलावद में भाजपा की सरकार और नगर परिषद जिसमें की अध्यक्ष सहित लगभग 13 से अधिक पार्षद भारतीय जनता पार्टी से आते हैं इस नगर सरकार के द्वारा शिवराज के इस सुशासन और समान नियम कानून व्यवस्था की खुलकर धज्जियां उड़ाई जा रहा है। नियमों को ताक पर रखकर अपने हितों को साधने वाले नगर परिषद के अध्यक्ष नियमों के साथ-साथ अब न्यायालय के आदेशों की अवहेलना करने से बाज नहीं आ रहे हैं ।

अलग अलग कानून...

एक तरफ जहां गरीब लोगों के लिए अलग कानून तो दूसरी तरफ सूटेड बूटेड लोगों के लिए अलग कानून नगर परिषद की ओर से चलाया जा रहा है ।

गरीबो को दिया नोटिस.....

नगर के मुख्यरायपुरिया-बामनिया  मार्ग सोसाइटी  के पास रहने वाले राधा किशन पिता देवीलाल गुर्जर और बसंतीबाई पति  राधाकिशन गुर्जर को नगर परिषद की ओर से दिनांक 11/04 2022  को एक पत्र जारी करते हुए बताया गया है कि आपके द्वारा 50*20 वर्गफीट के सरकारी जमीन पर किए गए अतिक्रमण को 03 दिवस में हटा लेवे अन्यथा परिषद अतिक्रमण हटाएगी जिसमें सारे हरजे खर्चे की जवाबदारी भी आप लोगों की होगी।

मामला कोर्ट में विचाराधीन....

 परिषद की ओर से जारी सूचना पत्र के का जवाब देते हुए बसंती बाई एवं राधाकिशन के द्वारा जो जवाब नगर परिषद एवं वरिस्ठ  अधिकारीयो   को प्रेषित किया गया जिसमे  स्पष्ट रूप से बताया जा रहा  है कि उनके द्वारा इस पूरे मामले को लेकर न्यायालय श्रीमान सिविल न्यायाधीश महोदय वर्ग 2 पेटलावद के न्यायालय में सिविल वाद प्रस्तुत कर रखा है जिसका कि प्रकरण क्रमांक 02/अ/ 20 है जिसकी सुनवाई के लिए दिनांक 06/05/22 नियत है से वही पूरे मामले में स्थगन को लेकर उच्च न्यायालय खंडपीठ इंदौर में भी पिटीशन क्रमाक 08361/2022  दायर कर रखी है जिसकी सुनवाई के लिये 18/04/22 और मामले का निराकरण न्यायालय से नहीं हो जाता तब तक के लिए इस प्रक्रिया को स्थगित किया जाए।इस तरह से यह पूरा मामला न्यायालय में विचाराधीन है जिसके दस्तावेज भी राधा किशन और बसंती बाई के द्वारा सार्वजनिक किए गए हैं ।

रुकना चाहिए कार्यवाही....

कानून विशेषज्ञों की मानें तो जब तक मामला सिविल न्यायालय में विचाराधीन है तब तक के लिए नगर परिषद या कोई भी संस्था अगली कार्रवाई नहीं कर सकती।वही इन गरीबो के आशियाने परिषद की  कार्यवाही को लेकर नगर की जनता भी गरीब लोगों पर परिषदकी ज्यादती से नाराज दिख रहे है और वरिस्ठ अधिकारी से संज्ञान लेने ओर गरीबो को राहत देने  की मांग नगर में  उठ रही है।

कोर्ट प्रक्रिया का नही करते पालन....

 खैर यह तो हुआ पूरा कानूनी मामला जिसमें यह स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है कि नगर परिषद के कर्ताधर्ता कोर्ट कचहरी में चल रहे प्रकरण और न्यायालयों में जारी निर्देशों की सीधी सीधी अवहेलना करते हुए गरीबों के आशियानों पर पर बुलडोजर चलाने की तैयारी कर रहे हैं। 

लीज मामले में रख़ाकर नियमो का ताक पर...

 जब नियमों की ही बात है तो हम यहां बात करते हैं कि खुद को नियमों का पालन करने वाली संस्था और उसके कर्ता-धर्ता उस समय क्यों मौन हो जाते हैं जब पेटलावद की बेशकीमती करोड़ों रुपए की जमीनों पर बिना किसी नियम कायदे के लीज बनाकर नियम कायदों को ताक में रखकर  बिना किसी नियम के दुकान बनाकर   नीलामी की प्रक्रिया अपनाए बगैर करोड़ो  रुपये चित कर लेते है  यहाँ नियमो का पालन क्यो नही होता ?

गणपति चोक में  रेन बसेरा गए थे उजाड़ने...

वही नगर के गणेश चौक स्थित पुरानी नगर पंचायत के दुकानों पर भी छत को नीलाम करने कीओर दुकान बनाने की  प्रक्रिया के तहत नपती करने गए  मोटा भाई एवं उनकी टीम को वार्डवासियों ने  मुक  पक्षियों का  रेन बसेरा होने का हवाला देते हुए  खदेड़ा गया था यहां परिषद ने कोंन से नियम अपनाए थे?

बस बस्टेण्ड पर जनता ने खदेड़ा....

इसके बाद स्थानीय नया बस स्टैंड पर श्रद्धांजलि चोक के निकट गणेश  मन्दिर के निकट   बनी पुरानी दुकानों के   ऊपर भी छत की नीलामी करते हुए छत पर दुकानें बनाने की योजना बनाने गए मोटा भाई को 2 दिन पूर्व ही नगर वासियों के द्वारा जोरदार तरीके से लताड़  लगाकर खदेड़ा गया है  यहां कोंन से नियम से दुकान बना ने गए थे साहब?यह तो हो गई नगर परिषद एवं इसके कर्ताधर्ता ओं की निजी कमाई की बात

खुद अतिक्रमण करवाकर बना रहे चोकी....

 हम बात  करते हैं नियमों की  तो नगर परिषद जहां न्यायालय में चल रहे प्रकरण के बावजूद भी अवैध अतिक्रमण को तोड़ने की तैयारी कर रही है तो क्या जिमेदार परिषद ओर  कानूनबाज नेता, अध्य्क्ष ओर सीएमओ साहब  नगर  की जनता को यह तो बताएं कि नगर के श्रद्धांजलि चौक पर खुलेआम बन रही पुलिस चौकी किस नियम और कायदे के तहत बन रही है न तो पुलिस चौकी बनाने के लिए कोई एनओसी जारी की गई है और ना ही कोई नक्शा पास किया गया बिना किसी नियम प्रक्रिया के बन रही पुलिस चौकी की तरफ नगर परिषद के कर्ताधर्ता का बुलडोजर क्यों नहीं चलता नगर परिषद  से पेटलावद की जनता पूछ रही है।

पूरी प्रक्रिया है चोकी निर्माण की...

इस चौकी निर्माण के मामले में जहां नियमों की जानकार  इस बात को बता रहे हैं कि पुलिस चौकी निर्माण के लिए पुलिस विभाग एवं गृह मंत्रालय से पुलिस चौकी के संबंध में अनुमति लेकर गजट नोटिफिकेशन किया जाता है उसके बाद जमीन आवंटन की प्रक्रिया एवं एनओसी तथा निर्माण के लिए ऑनलाइन प्रक्रिया करते हुए पूर्ण रूप से विधिवत प्रक्रिया के तहत पुलिस चौकी का निर्माण किया जाता है।

 लेकिन बिना किसी नियम कायदे के मात्र मौके पर चल रहे निर्माण कार्य को नगर परिषद किन नियमों के आधार पर आंख मूंदकर  निर्माण कार्य को होने दे रही है जबकि नगर परिषद सहित पेटलावद में कर्ताधर्ता के रूप में आईएएस  जैसे अधिकारी है जब इस क्षेत्र  में नियमों को पालने वाले ही दो प्रकार के नियम चलाएंगे तो आम जनता कैसे नियमों को नहीं तोड़ेगी। 

अलग अलग नियम कैसे....?

इस तरह से परिषद एवं पेटलावद क्षेत्र में शिवराज मामा के जनप्रतिनिधि और अधिकारी तथा नेता जनता के लिए अलग तो रसूखदारो के लिए अलग-अलग नियमों का पालन करते दिखाई दे रहे हैं। जिसमें  गरीब आम  जनता पिसती नजर आ रही है और चर्चा  चौराहों पर है कि *एक शहर में दो कानून* कैसे चलेंगें


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