महिला बाल विकास मंत्री निर्मला भूरिया के गृह क्षेत्र में आगनवाड़ी भवन पशुधन की आश्रय स्थली बने....

 


News@अर्जुन राठौर

पेटलावद आगंनवाडी भवन बना तबेला,जहां नौनिहालों की नींव मजबूत होना था वहां बंधे है गाय भैंस। जहां पर बच्चों को मिलना था नाश्ता व पोषक आहर वहां का परिसर गोबर से लथपथ यह स्थिति नोनिहालो को तंदुरस्त बनाकर शिक्षा देने के बड़े बड़े दावों की हवा निकालती दिखाई दे रही है। सरकारी तंत्र के अनुसार इस आंगनवाड़ी भवन में बच्चे आते है। लेकिन इस भवन में बंधे पशुधन बिखरा गोबर इस भवन को तबेले के रूप में बता रहा है।

यह स्थिति पेटलावद विकास खंड की ग्राम पंचायत झोसर की आंगनवाडी केंद्र तडवीफलिया कि है। सरकारी तंत्र के भरोसे सरकारें बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन जमीनी हकीकत उन दावों की बखिया उधेड़ती हुई नजर आ रही है। सबसे आश्चर्य तो आपको अब होगा कि यह स्थिति खुद महिला बाल विकास मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया के गृह क्षेत्र पेटलावद की है।


इस स्थिति को देखकर यह सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकारी तंत्र अपना कर्तव्य किस तरह निभा रहा है। चौतरफा बिखरी गंदगी के साथ गोबर एवं पशुओ का मूत्र बता रहा है यहा जिम्मेदार निरीक्षण की खाना पूर्ति भी दफ्तर में बैठकर पूरी कर रहे हैं। पेटलावद की बात करे तो यहा कुल 639 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित होते हैं जिनमे 436 आंगनवाड़ी केंद्र है एवं 203 मिनी आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में दर्ज है।


कृपया जूते चप्पल बाहर उतारे

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ग्राम पंचायत झोसर के तड़वी फलिये का यह आगनवाड़ी भवन है। जहां पहुचने पर यह पता चला कि भवन के समीप रहने वाला परिवार लंबे समय से इस भवन को तबेले के रूप में इस्तेमाल कर रहा है। ग्रामीण बताते हैं कि जब जिम्मेदार ही कुछ नही बोलते तो हम बोलकर क्यू दुश्मनी मोल ले। फिलहाल इस आगनवाड़ी में मिलने वाली सुविधाओं को लेकर बच्चे किस तरह स्वस्थ एवं ऊर्जावान रहेंगे यह भी विचारणीय है। इसी के साथ भवन पर लिखा हुआ कृपया जूते चप्पल बाहर उतारे भी सभी का ध्यान आकर्षित कर रहा है। हो सकता है यह आदेश बाहर की गंदगी आगनवाड़ी भवन में न जाए उसके लिए लिखा गया हो।लेकिन प्रदेश की महिला बाल विकास मंत्री के इलाके में ही यह आलम है तो बाकी जगहों का अंदाजा भी आप सहज ही लगा सकते हैं।


नियमित निरीक्षण होता है, फिर भी दिखवाती हूँ.....

इस मामले में पक्ष जानने के लिए महिला बाल विकास विभाग की परियोजना अधिकारी इशिता मसानिया से सम्पर्क किया गया तो उन्होंने तो पहले कहा कि वे नियमित रूप से निरीक्षण करती है । झोसर के इस आंगनवाडी केंद्र के बारे में उन्होंने यह कहा कि वे इसे दिखवाती है।



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