शीत लहर का बढ़ा प्रकोप, लोगांे के स्वास्थ्य पर पड़ रहा प्रतिकूल प्रभाव।...

 


News@ हरिश राठोड

झाबुआ। नवंबर के आधे पखवाड़े से ही ठंड ने शहर सहित अंचल को अपनी आगोश में ले लिया है, दिसंबर माह अभी बाकी है। इन दिनों अलसुबह एवं रात्रि में कड़ाके की ठंड के साथ अब शीत लहरों का प्रकोप भी बढ़ गया है। ठंडी हवाएं चलने से लोगों के स्वास्थ्य के लिए यह प्रतिकूल साबित हो रहीं है। मौसम विभाग के अनुसार आगामी चार-पांच दिनों तक तापमान में गिरावट रहने के साथ कृषि वैज्ञानिकों के मुताबिक यदि ठंड और बढ़ती है तो इससे रबि फसलों को नुकसान है। इन दिनों प्रातःकाल एवं रात्रि में पड़ रहीं कड़ाके की ठंड ने लोगांे को कंपकपाना शुरू कर दिया है। अलसुबह से ही ठंड के साथ शीत लहरे चलना शुरू हो जाती है, तो दोपहर में भी हल्की ठंड और हवाओं के साथ रात में पुनः ठंड बढ़ जाती है। ठंड बढ़ने के बाद अब बाजार में गराड़ू,, जलेबी, गर्म की दूध की दुकान सजने के साथ इन दुकानांे पर लोगांे की भीड़ भी देखने को मिल रहीं है। बाजारों में सजी गर्म वस्त्रों की दुकानों पर भीड दिखाई दे रहीं है। सुबह के दौर में स्कूल जाने वाले बच्चें पूरी ऐहतियात के साथ गर्म कपड़े पहनकर पहुंच रहे है, तो सुबह एवं रात के दौर में बाजार में अलाव जलाकर लोग हाथ तापते दिखाई दे रहे है। चाय की दुकानों एवं ठेलगााडि़यों पर अदरक, ईलायची वाली गर्म चाय की चुस्कियों का आनंद ले रहे है। शहर से सटे हाईवे मार्गों पर अलसुबह कोहरे जैसा दृश्य भी देखने को मिल रहा है।

ग्रामीण अंचलों मंें ठंड का प्रकोप अधिक

ग्रामीण अंचलों में ठंड का प्रकोप अधिक नजर आ रहा है। ग्रामीणजन खेत-खलिहानों के साथ सड़क किनारे खुले स्थानों पर अलाव जलाकर हाथ तापने के साथ ठंडी का असर बाजारों की रौनक को भी फीका कर रहंा है। कड़ाके की ठंड की वजह से बाजारों में सुबह आवाजाही कम होने के साथ रात में भी जल्द ही सन्नाटा पसर जाता है। लोग घरों से स्वेटर, कोट, टोपी, मफलर पहनकर ही निकल रहे है। पंखे, कूलर का उपयोग अब पूरी तरह बंद होने के साथ लोग रात्रि में चादर, रजाई की ओट में सो रहे है।

नगरपालिका ने नहीं जलाएं अलाव

एक और जहां शहर में अब कड़ाके की ठंड शुरू हो गई है, वहीं दूसरी और नगरपालिका द्वारा अब तक प्रमुख स्थानों पर अलाव जलाना शुरू नहंी किया गया है, जबकि प्रतिवर्ष नपा प्रशासन द्वारा रात्रिकालीन  लोगों को ठंड से बचाव के लिए अलाव की व्यवस्था की जाती है। नवंबर माह पूरा बीत जाने के बाद भी स्थानीय प्रशासन की और से अब तक यह व्यवस्था नहीं की गई है। इस संबंध में नगरपालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि शैलेष बिट्टू सिंगार ने बताया कि दिसंबर माह के प्रथम सप्ताह से शहर के प्रमुख स्थानों ं पर नपा की और से अलाव की व्यवस्था की जाएगी। यह कार्य लोक निर्माण शाखा द्वारा किया जाएगा।

तापमान में आई गिरावट

पिछले 4-5 दिनांे से तापमान में भी गिरावट दर्ज की जा रहीं है। अधिकतम एवं न्यनूतम तापमान दोनो ही घट रहे है। मौसम विभाग के अनुसार 26 नवंबर को अधिकतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस एवं न्यूनतम तापमान 11.6 डिग्री सेल्सियस, 27 नवंबर को 30.4 डिग्री एवं न्यूनतम 11.4 डिग्री, 28 नवंबर को अधिकतम 30.6 डिग्री एवं न्यूनतम 12.2 डिग्री, 29 नवंबर को अधिकतम 29.4 डिग्री एवं न्यूनतम 11.5 डिग्री तथा 30 नवंबर को अधिकतम तापमान 27.4 डिग्री एवं न्यूनतम 10.2 डिग्री सेल्सियस रेकार्ड किया गया। मौसम विभाग के तकनीकी अधिकारी राजेशकुमार त्रिपाठी ने बताया कि मौसम अनुसंधान केंद्र से प्राप्त शेड्यूअल अनुसार आगामी 4-5 दिनों में तापमान में इसी प्रकार की गिरावट दर्ज की जा सकती है। वहीं वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. आईएस तोमर ने बताया कि रबि फसलों के लिए फिलहाल तापमान अनुकूल है। यदि तापमान में और गिरावट आती है, तो फसलों में पाला पड़ने की संभावना बढ़ सकती है।

सर्दी-जुखाम, बुखार के बढ़े मरीज

उधर कड़ाके की ठंड के साथ शीत लहरों का प्रकोप बढ़ने से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। जिला चिकित्सालय में इन दिनों सर्दी-जुखाम, बुखार उल्टी-दस्त के मरीज अधिक आ रहे है। वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. एम किराड़ ने बताया कि इस मौसम में बच्चों एवं बुजुर्गों के स्वास्थ्य के प्रति ध्यान रखना बहुत जरूरी है। बच्चों को ठंड से बचाव के लिए बाजार में कम निकलने के साथ बुजुर्ग जिन्हे बीपी, शगुर की शिकायत है, वह इसकी सप्ताह में एक बार जांच जरूर करवाएं। गर्म वस्त्रांे का इस्तेमाल अधिक करने के साथ मसालेदार एवं तले हुए खाद्य पदार्थों का सेवन कम किया जाए। पोष्टीक आहार के सेवन के साथ पेयजल मंें स्वच्छ पानी का उपयोग किया जाए।


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