ताजिया जुलूस के साथ शांतिपूर्ण और भाईचारा के बीच मोहर्रम संपन्न ....

 


थांदला से इमरान खान की रिपोर्ट 

थांदला नगर में इस वर्ष मुहर्रम पर्व बड़े श्रद्धा, सम्मान और भाईचारे के साथ मनाया गया।दो दीनी मोहर्रम पर्व की 5वीं तारीख से ही नगर में धार्मिक गतिविधियाँ प्रारंभ हो गई थीं।वार्ड 11 पीर साहब गली इमामबाड़े से पारंपरिक अलम का जुलूस निकाला गया, जिसमें नगर के सैकड़ों लोगों ने हिस्सा लिया।


इमाम हुसैन — इंसाफ और इंसानियत के रहनुमा


इमाम हुसैन इस्लाम धर्म के तीसरे इमाम और पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के नवासे थे। उनका जन्म 626 ईस्वी में मदीना में हुआ था। इमाम हुसैन ने अन्याय और जुल्म के खिलाफ डटकर खड़े होकर कर्बला के मैदान में 680 ईस्वी में अपनी और अपने परिवार की कुर्बानी दी। उनका बलिदान आज भी पूरी दुनिया को सत्य, इंसाफ और इंसानियत के लिए प्रेरित करता है।


हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल


थांदला नगर में मुहर्रम पर्व हमेशा से ही हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक रहा है। यहाँ ताजिया बनाने से लेकर ताजिया उठाने और जुलूस निकालने तक में बड़ी संख्या में हिंदू भाई भी शामिल होते हैं। यही नहीं, कई ताजिये हिंदू भाइयों की मन्नत से भी बनाए जाते हैं और वे पूरी श्रद्धा के साथ उसमें नारियल,अगरबत्ती हार  फूल आदि चढ़ाते हैं।


इस वर्ष भी नगर में हिंदू भाइयों ने अपने मन्नत के ताजिए बनाए और बड़े आदर से जुलूस में शामिल होकर ताजिया उठाया। यह देखने वालों के लिए सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे की जीवित मिसाल रहा।


विशेष नमाज और दुआ


मोहर्रम की 10वीं तारीख यानी आशूरा के दिन गौसिया जामा मस्जिद में मौलाना इस्माइल कादरी ने अशूरा की नमाज पढ़ाई और इमाम हुसैन की शहादत का जिक्र सुनाया। मौलाना साहब ने मुल्क में अमन-चैन,भाई चारा,सुख-शांति और कोरोना जैसी बीमारियों से मुक्ति के लिए दुआएँ कीं।


जोहर की नमाज के बाद सरकारी ताजिया निकाला गया जो गांधी चौक,पोस्ट ऑफिस, बोरा  मोहल्ला,गवली मोहल्ला आजाद चौक होकर वापस गांधी चौक पहुँचा। जिसमें सैकड़ों की संख्या में लोग मन्नत पूरी करने पहुँचे।


बरकत और बच्चों की सलामती की मान्यता


थांदला में मोहर्रम पर्व पर यह मान्यता है कि जो बच्चे ज्यादा बीमार रहते हैं या पढ़ाई में मन नहीं लगता,उन्हें इमाम हुसैन की झोली में चढ़ाया जाता है। जुलूस के दौरान छोटे बच्चों को ताजिए के नीचे से निकाला गया ताकि उनके जीवन में बरकत  और अच्छी सेहत मिल सके।


हुसैनी अखाड़े और कलामों ने बांधा समां


जुलूस में भूरु उस्ताद पहलवान के नेतृत्व में हुसैनी अखाड़ा निकाला गया जिसमें पहलवानों ने रोमांचक करतब दिखाए। भारत बैंड बडनगर वालों ने ‘‘मेरी जान जाए वतन के लिए, हुसैन आपको हिंदुस्तान बुलाता है’’ जैसे कलाम सुनाकर माहौल को गमगीन कर दिया।


जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी


थांदला विधायक वीर सिंह भूरिया ने सभी ताजियों की जियारत की और नारियल, अगरबत्ती चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही पूर्व पार्षद आनंद चौहान, रामू वर्मा, हाजी गुलाम कादर, मोइनुद्दीन कल्लू हाजी,पत्रकार कादर शेख जावेद खान इमरान खान,शाहिद जैनब, शाहिद खान,जमील खान,बब्बू रियाज़ खान सहित नगर के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।


ताजिया कमेटी के हाजी आबिद गोरी शहजाद कुरेशी,जाकिर शेख, जाकिर नत्थे खा अकबर कल्लू बाबा, मुस्लिम समाज सदर हसमतुल्लाह खान एवं सेक्रेटरी रफीक शेख ने पुलिस प्रशासन का धन्यवाद व्यक्त किया, जिसने दो दिन मोहर्रम को शांतिपूर्ण और सुरक्षित बनाया उसके लिए उन्हें शील्ड देकर नवाजा,।


कर्बला का संदेश आज भी जिंदा


कर्बला का संदेश यही है कि अन्याय और जुल्म के आगे कभी झुकना नहीं चाहिए। इमाम हुसैन ने यह साबित कर दिया कि सत्य और इंसाफ के लिए किसी भी कुर्बानी से पीछे नहीं हटना चाहिए। थांदला नगर में इस पर्व का आयोजन इसी एकता, सद्भाव और इंसानियत के संदेश के साथ सम्पन्न हुआ।


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