श्रधांजलि चोक की दुकानों के पुराने प्रस्ताव को किया कलेक्टर ने निरस्त , नियमो के अनुसार फिर से होगा आंवटन/नीलामी..... परिषद की नादानी या राजनीती से ठगा गए 08 दुकानदार न घर के रहे ,न... साहब जब परिषद को नही अधिकार तो रिस्तेदारो को बेची छत का प्रस्ताव भी होना चाहिये निरस्त........पुछता है पेटलावद.....

 

झाबुआ से राज मेड़ा की रिपोर्ट

पेटलावद । नगर के श्रद्गांजली चौक पर पुरानी दुकानों को तोड़कर नवीन बनाई गई दुकानों के पुराने 08 दुकानदारों ओर दुकान के वास्तवीक हकदारों के लिये नगर परिषद से परेशान करने वाली खबर बाहर निकल आयी है ।

पुराना प्रस्ताव हुआ निरस्त नए आदेश होंगे लागू....

गुरुवार शाम को नगरपरिषद के सीएमओ राजकुमार ठाकुर ने जानकारी देते हुये बताया की कलेक्टर झाबुआ ने एक आदेश जारी करते हुए परिषद के डेढ़ वर्ष पुराने ठहराव प्रस्ताव को निरस्त कर दिया गया है और दुकानों को रोस्टर ओर नियम अनुसार नीलाम करने और नए निर्णय ओर प्रस्ताव के लिये नगर परिषद को निर्देशित किया है। जिसमे पूर्व में 01 दुकान जो कि 55 लाख में निलाम हुई है मात्र उसको छोड़कर शेष 08 दुकानों के लिये फिर से नियमानुसार प्रक्रिया अपनाई जाएगी ।

परिषद ने बनाया था प्रस्ताव....

उलेखनीय है कि इसी प्रस्ताव के तहत डेढ़ वर्ष पूर्व नगर परिषद ने 09 दुकानदारो के पक्ष में पारित करते हुये निर्णय लिया था कि श्रद्धाजलि चोक की पुरानी जीर्ण शीर्ण दुकानों को तोड़कर नवीन दुकानें बनाई जाएगी और ये दुकानें पुराने दुकानदारों को लागत मूल्य जमा करवाते हुए दी जावेगी । अर्थात पुराने दुकानदार ही इन दुकानों के लिये अधिकार रखेंगे ।

प्रस्ताव पर भरोसा कर खाली कर दी दुकाने...

ओर इसी प्रस्ताव पर भरोसा करते हुये 08 दुकांनदारो ने अपनी दुकानें खाली की थी और लगभग सभी दुकानदारों ने 1 से 2 लाख रुपये एडवांस भर भी दिये थे और पिछले डेढ़ वर्ष से दुकानदार बेरोजगार घूम रहे है।

ठगा गए दुकानदार...

अब जब कि परिषद के इस प्रस्ताव को ही कलेक्टर ने निरस्त कर दिया है तो दुकानदारों के लिये दुकान वापस उन्हें ही मिलने या लागत मूल्य पर मिलने की बात अभी तो फिलहाल खत्म हो गयी है । ओर दुकानदार इस मामले ठगा गए है।

विवादो और सुर्खियों से नाता....

विदित हो कि इन दुकानों के टूटने ओर बनने तक के सफर में कई उतार चढ़ाव आये है नगर के कई शिकायतकर्ता विशेष रुप से *चंदन एस भण्डारी* आदि ने इन दुकानों की प्रक्रिया को लेकर नित नए इश्यू बाहर ला रहे थे कभी दुकानों कि जमीन रास्ता मद की ,तो दुकानों के बेरोजगार ओर आरक्षण के आधार पर नीलामी ,तो कभी गाईड लाइन के हिसाब से लागत मूल्य तो कोर्ट के ओर नगरीय प्रशासन विभाग के दिशा निर्देशों का उल्लंघन तो कभी निर्माण कार्य रोकने के लिये आदेश , तो कभी दुकानदार ओर उनके परिजनों की आपसी खींचतान ओर उनके ओडियो ओर विडीयो का वायरल होना , तो एक ही परिवार के लोगो को 02 दुकानो का नियम विरुद्ध आवंटन , ओर दुकानदारो में से एक दो लोगो का व्यवहार ओर पुराने सीएमओ के बारे में अनर्गल बयानबाजी, इस तरह से लगभग 02 वर्षों से ये दुकान ओर उनके दुकानदार नगर , ओर मीडिया व सोसल मीडिया में सुर्खियां में रहे है । और अब कलेक्टर के नए आदेश से दुकानदार न तो घर के रहे और न....।

क्या परिषद ने किया छलावा?.....

बड़ा सवाल निकल कर यह भी रहा है कि परिषद में बैठे हुए जिम्मेदार लोगों को क्या यह पता नही था कि इस प्रकार के प्रस्ताव करने के उन्हें अधिकार थे या नहीं? यदि थे तो उन्होंने कलेक्टर समक्ष ओर अन्य स्थानों पर अपना प्रस्ताव ओर दुकानदारो का समर्थन करने के लिये कोई प्रयास क्यो नही किया?
ओर यदि परिषद को अधिकार नही था तो दुकानदारो को गुमराह क्यो किया ?

तो फिर रिस्तेदार को दी छत का प्रस्ताव भी कहा जायज?.....

यदि परिषद के प्रस्ताव अपने आप मे नियमो ओर गाइडलाइंस की अनदेखि कर के पारित होते है तो फिर परिषद अध्यक्ष ने अपने रिश्तेदारों को जो गांधी चौक के काम्प्लेक्स की छतों को ओने पौने दामो में आवंटित किया है वह ओर वे सारे प्रस्ताव जो माननीयों ने पिछले 05 सालों में नगर विरोध में खुद के फायदों के लिये पारित किया है उनका कोई कानूनी अस्त्तिव ही नही है ।ओर जिला प्रशासन को इन प्रस्तावों की भी जांच करनी चाहिए। अन्यथा दुकानदारों के जायज प्रस्ताव को निरस्त करने में शाशन ओर जिमेदारो का दोहरा मापदण्ड अपनाना उचित नही।

अब क्या करेंगे दुकानदार?....

खेर पूरे मामले में दुकानदारो के पास कोर्ट की शरण लेने के विकल्प खुले है या वे आगे क्या निर्णय करते है उससे भी हम आपको अवगत करावएँगे लेकिन आज की तारीख में 08 दूकानदारो को अपनी दुकानों के लिये संघर्ष करना साफ दिख रहा है।और ये दुकानदार परिषद ओर प्रशासन के बीच खुद को ठगे से महसूस कर रहे है। वही शुक्रवार शनीवार को जिले के प्रभारी मंत्री इंदरसिंह परमार जिले के दौरे पर है उनके सामने भी शाशन के दोहरे रवैये को लेकर दुकानदार सवाल उठाने का मन बना रहे है।

इनका है कहना.....

श्रधांजलि चोक की दुकानों के बारे में जिलाधीश महोदय के आदेश मिले है उस आदेश अनुसार परिषद की बैठक आहूत कर आगे की कार्यवाही की जाएगी । .....*सीएमओ राजकुमार ठाकुर*

में शुरू से ही कह रहा था परिषद गलत प्रक्रिया अपना रहि है कलेक्टर ने नियमानुसार निर्णय लिया है।

पूर्व जिला महामंत्री ओर पूरे मामले के मुख्य शिकायतकर्ता चंदन एस भण्डारी

 

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