थांदला से इमरान खान की रिपोर्ट
थांदला - इस्लामी कैलेंडर के हिसाब से जिलहिज्जा का महीना साल का आखरी महीना होता है मुस्लिम समाज जनों के लिए विशेष रूप से खास महीना होता है अपने रब की रज़ा इलाही में साहीबे निसाब कुर्बानी भी करते हैं लाखों की संख्या में मक्का शरीफ हज करने के लिए जाते हैं जिलहिज्जा का चांद दिख ने के बाद में चांद की दस तारीख को ईद मनाई जाती है यह विशेष रूप हजरते इब्राहिम ख़लीलुल्लाह व हजरते ईस्माइल जबीउल्लाह की याद में मनाई जाती है हजरते इब्राहिम ख़लीलुल्लाह की 80-या90-वर्ष उम्र तक कोई औलाद नहीं थी हर रोज अपने रब से दुआ मांगते अल्लाह ने इस उम्र उनकी दुआ कबुल की और नेक बेटा हजरते ईस्माइल जबीउल्लाह अता किया अल्लाह ताला ने आप से हर तरह से आजमा इस ली गई अल्लाह के फरमान से अपने बेटे को अपने रब की रज़ा इलाही में कुर्बान करने के लिए ले जा रहे थे रास्ते में ही दोनो बाप बेटे को तीन बार सैतान ने बह काया गया आप ने पत्थर मार कर सैतान को भगाया फिर आप ने अपनी आंखें पर पटी बंद कर अपने बेटे को जमीन पर लेटा कर तेज धार चाकू से जिबह करना जाहा मगर बेटे के गले पर चाकू नहीं चला अल्लाह ताला के हुक्म से जन्नत से एक दुबा भेजा गया हजरते ईस्माइल जबीउल्लाह की जगह लेटा गया वह दुबा जीबाह हो गया अल्लाह ताला को यह अदा इतनी पसंद आई कि हर मुसलमान साहीबे निसाब चल अचल संपत्ति के मलिक पर कुर्बानी करना वाजिब है नहीं की गई तो गुने गार होगा ईद का माह पूर्व को लेकर थांदला नगर में समाज जनों में काफी उत्साह देखा गया सुबह से ही समाज के पद अधिकारी व सदस्य व वरिष्ठ नौजवान व बच्चे ईदगाह पर पहुंच गए थे ईद की नमाज जनाब मौलाना इस्माइल बरकाती द्वारा अदा कराई नमाज के बाद में नगर के लिए व पूरे देश में अमन चैन शांन्ति के लिए दुआ मांगी गई सभी समाज जनों ने एक दूसरे से गले मिल कर मुबारक बाद दी गई वहीं प्रशासनिक वरिष्ठ अधिकारी व कर्मचारियों सुबह से ही ईदगाह मैदान पर पहुंच गए थे तहसीलदार अनील वाघेला व पुलिस अनुविभागीय अधिकारी रविन्द्र सिंह राठी व थाना प्रभारी दिनेश रावत व काकवानी थाना प्रभारी तारा मैडम सहित अन्य कर्मचारियों ने भी समाज जनों को गले मिल कर ईद की मुबारक बाद दी गई ईद का यही पैगाम है जैसे गले मिले तो दिल की हर बुराई को हमेशा दूर करना है