बदनावर-पेटलावद-थांदला फोरलेन के राजपत्र का हुआ प्रकाशन। साथ ही भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी होगी शुरू.... फोरलेन ने बढ़ाई सभी की चिंता,आखिर कहां से निकलेगा फोरलेन।...




 News@सुरेश चंद्र परिहार*

बदनावर-पेटलावद- थांदला मार्ग के फोरलेन निर्माण की प्रक्रिया में शासन प्रशासन ने एक और कदम आगे बढाते हुए उक्त मार्ग में जमीन अधिग्रहण हेतु राजपत्र में प्रकाशन कर दिया है। राजपत्र में प्रकाशन के आधार पर भूमि अधिग्रहण के लिए क्षेत्र के अनुविभागीय अधिकारी को प्राधिकृत अधिकारी बनाया है। जिनके द्वारा भूमिअधिग्रहण की प्रक्रिया को पूर्ण किया जावेगा। इस संबंध में राजपत्र में अधिग्रहीत की जाने वाले गांव और कस्बों की सूची भी प्रकाशीत की गई है। जिसके अनुसार पेटलावद तहसील के पेटलावद,करडावद, सारंगी जैसे बडे कस्बों सहित नाहरपुरा, उन्नई, टेमरिया, पंथबोराली, बाछीखेडा, छावनी, भाभरापाडा, कुंडियापाडा, हिंडोला बावडी,बेंगनबर्डी,छायनपाडा,

मोहनपुरा, कसारबर्डी, खोरिया,छोटी बोलासा आदि गांवों को भूमि अधिग्रहण करने के लिए प्राधिकारी बनाये गये है। इसी प्रकार बदनावर और थांदला तहसील में भी प्राधिकारी बनाये गये है।



 फोर लेन मार्ग बना क्षेत्र के लिए चर्चा का विषय।...


बदनावद-पेटलावद- थांदला मार्ग क्षेत्रवासियों के लिए एक पहेली बन चुका है। जिसका हल हर कोई जानना चाहता है। इस पहेली के सुलझने पर कई लोगों को लाभ तो कई लोगों को नुकसान होगा। 

क्योंकी वर्तमान टू लेन के आसपास पूरे क्षेत्र में व्यवसाय जमा हुआ है। इसी मार्ग के आसपास होटले, रेस्टोरेंट, गेरेज, अन्य व्यवसाय सहित बडे गोडाउन बने हुए है। जिस कारण से मार्ग को लेकर कई सर्वे रिपोर्ट का सोशल मिडिया पर चलना और कई प्रकार के दावे किये जा रहे है। कि मार्ग किस और से निकलेगा।



 आम जन में यह जिज्ञासा बनी हुई है कि किसकी जमीन बचेगी-किसकी जायेगी।...


इन दिनों मार्ग को लेकर बदनावर से लेकर पेटलावद और थांदला तक एक ही चर्चा है। मार्ग किधर से निकलेगा। किसकी जमीन के पास से निकलेगा और किसकी जमीन रोड में चली जायेगी। इन बातों को लेकर विभिन्न दावे किये जा रहे है। हर कोई रोड निर्माण के पूर्व यह जानना चाहता है कि फोरलेन कहां से होकर गुजरेगा।


 आंदोलन,संभावना और प्रश्न।...


रोड निर्माण को लेकर आ रहे बयानों को लेकर पिछले दिनों सारंगी की रहवासियों ने सारंगी चैपाटी पर ओवरब्रीज बनने कि बात का विरोध किया था, प्रशासन सारंगी वासियों का कहना है कि इस प्रकार ओवरब्रीज बनने से चैपाटी का रोजगार पूरी तरह से ठप हो जायेगा। वहीं दूसरी और करडावद और पेटलावद के बीच निकलने वाले मार्ग को लेकर संभावनाएं लगा रहे हैं कहां से आखिर यह मार्ग निकलेगा। जिसे लेकर कई प्रकार के प्रश्न रोजाना खडे हो रहे है। मार्ग का निर्माण किस प्रकार होगा। मार्ग निर्माण के बाद रोजगार के अवसर अधिक बढेगें या रोजगार के अवसर कम हो जायेगें, ओर इस रोड़ के बनने से आवागमन ओर बढ़ जाएगा गुजरात, राजस्थान वालों के लिए यह मार्ग सुगम हो जायेगा।


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