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पेटलावद से मनोज पुरोहित /हरिश राठौड़ की रिपोर्ट
पेटलावद | शास्त्रों में यह स्पस्ट रूप से कहा गया है कि मनुष्य के अच्छे बुरे कर्म, नीति और बदनीति का फल उसे इसी जन्म में भुगतना पड़ता है यदि आपके सत्कर्म है तो ईश्वर इसका शुभ फल देता है और यदि आपके कर्म और नीति खराब है तो उसके दुखद परिणाम भी आपका पीछा अंत काल तक नहीं छोड़ते हैं । ओर उसके साथ पीढ़ियां भी समूल नष्ठ हो जाती है।
सोसल मीडिया पर ली विदाई, पोस्ट की शेयर....
जिले के मुखिया पुलिस कप्तान आशुतोष गुप्ता के द्वारा बुधवार शाम को एक लिस्ट जारी करते हुए झाबुआ जिले के कई पुलिस कर्मियों का स्थानांतरण इधर से उधर किया गया । इसी क्रम में पेटलावद के थाना प्रभारी का भी स्थानांतरण पेटलावद से झाबुआ जाते-जाते साहब ने सोशल मीडिया फेसबुक पर *दुआओं में याद रखने वाली एक पोस्ट शेयर की* इस पोस्ट के कई मायने हैं लेकिन पेटलावद थाना क्षेत्र में पिछले लगभग 2.5 वर्षों से पदस्थ थाना प्रभारी के द्वारा किए गए कामकाज से जहां दुआओं नहीं बद्दुआ का मामला सामने आ रहा है और ऐसे कई वाक्यात हैं जहां पीड़ितों के द्वारा अपने मन से बदुआएं निकल रही है ऐसे ही कुछ मामले हम आपके सामने ला रहे हैं।
पहला मामला.....
इस मामले में साहब ने कुछ दिनों पूर्व ट्रक में जलकर मरे व्यक्ति की शिनाख्त ओर पीएम के बाद लाश की सुपुर्दगी के लिये बडी राशी वसूली गरीब आदमी ने जमीन गिरवी रखकर लाश साहब से ली, *उस लाश की बड्डदुआ से कैसे बचोगे?*
दूसरा मामला.....
गरीब गुमटीधारियो पर पुलिसिया रॉब जमाकर जमीन खाली करवा ली और बिना नियमो के अधूरी चोकी बना दी,*जिन गरीबों की रोजी रोटी छीनी उनकी बड्डदुआ से कैसे बचोगे*?
तीसरा मामला.....
डेटोनेटर के सप्लायर से मुह माँगी दक्षिणा माँगी, फिर बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के खुलेआम डेटोनेटर जप्ती के लिये अपने स्टॉफ ओर नगरवासियों कि जान को दाव पर लगाया. *नाराज सहकर्मियों की बड्डदुआ भी तो लगेगी*?
चौथा मामला.....
लगातार हुई चोरियों में चोरी गयी राशि को कम बताकर चोटटो ओर परिजनों से अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को गुमराह कर लाखो रुपये चित किये फरियादी को नोटिस देकर हिसाब मांगा *उन फरियादियो ओर पीड़ितों के मन से निकली हाय ओर बड्डदुआ से कैसे बचोगे*?
पाँचवा मामला.....
जो बालिका 23 दिन तक अपने पति के खिलाफ दूसरी शादी करने से रोकने के लिये फरियाद लिखाने के लिए परेशान होती रही और साहब के टालमटोल के नतीजे से पति दूसरी महिला के साथ शादी करने में सफल रहा *उस नवविवाहिता के हाथों की मेहंदी ओर टपकते आसुओ की बड्डदुआ से कैसे बचोगे*?
छटा मामला...
लेनदारों व कर्जो से तंग आकर घर छोड़ चले गए युवक के नाबालिक पुत्र और पत्नि से 18 सालो का हिसाब मागने ओर फरियादी को नोटिस देने के बाद थाना प्रांगन में जो पीड़िता के आंसू बहे उन आंसुओ की बड्डदुआ से केसे बचोगे*?
सातवाँ मामला....
इसी मामले में आधीरात 2.5बजे गुमशुदा इंसान को दबाव बनाकर बयान लिखाने को मजबूर करने ओर जिनके नाम लिखाये उन लोगो पर कार्यवाही करने के दबाव बनाकर लाखो के वारे न्यारे करने वाले साहब *दोनों पक्ष जो आपसे दबे ओर बिना कारण ठगाए उनके दिल की हाय से केसे बचोगे*?
आठवा मामला....
थाने को जागीर समझकर दूसरे जिले की घटना पर इस थाने में जिन मासूमो के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया और फिर सेटिंग करी *उन मासूमो की भी तो हाय लगेगी उन मासूमो की बड्डदुआ से कैसे बचोगे*?
नवा मामला.....
जिस व्यापारी ने लोन लेकर ट्रक खरीदा ओर चोरी होने पर 25 लाख के ट्रक की कीमत 08 लाख लिखी और फरियादी,उसकि पत्नी और बहन को बंद करके धमकाया *उन गरीबो की बड्डदुआ से केसे बचोगे*?
दसवा मामला......
कोर्ट के कर्मचारि की गाड़ी चोरी की रिपोर्ट 40 दिन तक नही लिखने, माही कालोनी ओर बरडिया में हुई 05 चोरी की एक एफआयआर करने ओर चोरी के सामान को भी नही लिखने वाले, एक पीड़ित की 90 दिनतक रिपोर्ट दर्ज नही करने और कानून के नियमो का जमकर मनमाने तरीके से उपयोग करने वाले साहब, बिना सूचना के महिलाओं को घर से उठाने, सटोरियों को पनाह देने वाले ,बैंक के बाहर 03 लाख की लूट होने पर फरियादी को सीसीटीवी फुटेज देकर आरोपीयो को खुद ढूढने की सलाह देने वाले, महिलाओं पर आधीरात लाठी चार्ज करने वाले साहब *इन बेचारो, मजलुमो, ओर पीड़ितों की बददुआ से कैसे बचोगे*?
विभाग के भी कर्जदार थाने की जमीन के मामले में नही ली कोई रुचि....
इसके अलावा पुराने साहब ने थाने ओर सरकार का भला करके जो थाने की सरकारी जमीन रशुखदारो के कब्जे से छुड़वाई थी उन रशुखदारो के साथ मिलकर लगी हुई तारफेन्सिंग को तुड़वाने में अंदरूनी भूमिका निभाकर पूरे कार्यकाल में इस मामले में शाशन ओर विभाग का नुमाइंदे होने के बावजूद कोई रुचि नही लेने वाले साहब अपने *विभाग का कर्ज नही उतार सके उन बड्डदुआ से भी कैसे बचोगे*
इन मामलो में भी नही पाक साफ़....
बैट्री काण्ड, नाबालिग लड़की के गुनाहगारो पर बिना कार्यवाही कर सुपुर्दगी करने, 2011 में मरे हुए व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज करने कोरोना काल मे गरीब लोगो पर झूठे केस बनाकर वसूली करने ओर अनगिनत भाँझगडियो में पुलिसिया रॉब दिखाकर गरीबो को चमकाने के वे मामले जो रेकॉर्ड पर भले ही नहो *उनकी बड्डदुआ से कैसे बचोगे*?
बड़ा जज जरूर करेगा फैसला....
हो सकता है कि उन मामलों में कोई सवैधानिक कार्यवाही हों न हो लेकिन सबसे बड़ी अदालत में उनकी बड्डदुआ की अर्जी पर बड़ा जज (*जगतपालनकर्ता*) जरूर उनकी फरियाद पर बड़ा फैसला देगा ।