संपूर्ण विधाओं का मूल है जो ॐ नमः शिवाय... - शिव महापुराण का हुए समापन अवसर पर पंडित प्रफुल्ल कुमार शुक्ला ने कहा...

 


पेटलावद।शिव पंचाक्षर मंत्र सभी मंत्रों का सार है इसमें अक्षर कम है परंतु यह महान महान अर्थ से संपन्न है। सभी मनोरथ को पूर्ण करने के लिए इसे प्रभावी किया गया है यह संपूर्ण विधाओं का मूल है जो ॐ नमः शिवाय है।

यह विचार पंडित प्रफुल्ल हरिकृष्ण शुक्ला ने व्यक्त किए। आप 15 दिवसीय शिव महापुराण के समापन अवसर पर श्रद्धालुओं के बीच कह रहे थे। पंडित शुक्ला ने कहा ओम इस प्रकार एक अक्षर मंत्र में तीनों गुण दिए हैं यथा अतीत सर्वज्ञ सर्व करता। शिव प्रतिष्ठित है ॐ नमः शिवाय से जुड़कर जोडाक्षर हो जाता है। शिव अनादि काल से चला आया है। यदि शिव नहीं होते तो यह संसार अंधकार में हो जाता। उनके प्रकाश से ही संसार प्रकाशित है।

आपने आगे कहा शिव चेतन है शिव ना होते तो सांसारिक अनेक कष्ट उठाते। शिव ही सभी दोषों को दूर करते हैं। यह पंचाक्षर मंत्र उनका भी वाचक है। इसी मंत्र में जो ज्ञान छिपा हुआ है या मंत्र शिव का प्राण भूत है।

संसार के सारे मंत्र ॐ से निकले हैं यह मंत्र वेदों का सार है। जो ॐ लगाकर ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप करता है। वह सभी शास्त्र का सार पा लेता है। यही मंत्र मोक्ष को देने वाला है। किसी भी वर्ण के मनुष्य इसके जप से मुक्त हो जाते हैं।

शिवमहापुराण के समापन के बाद महाआरती व महाप्रसादी का वितरण किया गया। पोथी यात्रा निकाली गई। यात्रा पंडित जी के निवास पर पहुची।


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