पेटलावद से हरिश राठौड़ की रिपोर्ट
पेटलावद।संस्कृत भारती द्वारा आयोजित संस्कृत सप्ताह की शुरुआत 8 अगस्त को झाबुआ जनपद में की गई थी।जिसके बाद 14 अगस्त को संस्कृत सप्ताह का समापन पर्व पेटलावद के गायत्री मंदिर मैं मनाया गया।इस दौरान कार्यक्रम का आयोजन किया गया मां भारती के चित्र पर माल्यार्पण कर भारत माता पूजन किया।
ये कहा अतिथि ने
इस दौरान मुख्य अतिथी मुकुट जी चौहान ने कहा कि संस्कृत विश्व की अनमोल भाषा है यह देववाणी हैं।ऋषि मुनियों के मुख से निकली हुई या भाषा बहुत ही मधुर है।ग्रामीण क्षेत्रों में संस्कृत भाषा का प्रचार करने के लिए संस्कृत भारती को धन्यवाद ज्ञापित किया।इस दौरान महेंद्र जी अग्रवाल ने संस्कृत भाषा और भारतीय संस्कृति के महत्व को समझाया।महिला वर्ग से संस्कृत की अनुभवी अर्चना कटारा ने बताया कि विदेशों में भी संस्कृत भाषा का महत्व है।वे स्वयं ग्रामीण क्षेत्रों से निकलकर चेन्नई से संस्कृत की पीएचडी प्राप्त की उन्होंने बताया कि इसी प्रकार ग्राम के बच्चे भी आगे आकर संस्कृत से हमारी संस्कृति को समझ सकते हैं। संस्कृत भारती के जिला संयोजक रवि पुरोहित ने संस्कृत भारती के रूपरेखा और गतिविधियों को स्पष्ट किया।उपस्थित अतिथी मयाराम कटारा,रामचंद्र भगत आदि लोगो ने विचार व्यस्त किए।
*एक माह के संस्कृत शिवीर का आयोजन*.
संस्कृत प्रचारक मोहन जी डामर ने विभिन्न संस्कृत मंत्रो और संस्कृत में संबोधन को बताया।संस्कृत में संबोधित करते हुए मौजूद लोगों एवं विद्यार्थियों को संस्कृत की सरलता के बारे में बताया।उन्होंने बताया कि एक माह का संस्कृत संभाषण शिविर ग्राम बेकल्दा में आयोजित किया जा रहा है। जिसके अंतर्गत ग्रामीण बच्चों को संस्कृत में वार्तालाप करने का अनुभव दिया जा रहा है।अंत में शांति पाठ करवा कर कार्यक्रम का समापन किया गया। कार्यक्रम का संचालन रामचंद्र पाटीदार ने किया तथा आभार प्रदर्शन उदय प्रताप भानु ने प्रकट किया।