News@हरिश राठौड़
पेटलावद। धार्मिक महत्व और आस्था का केंद्र बिंदु रामदेवरा हेतु आमजन का उत्साह देखने लायक है। इस समय रामदेवरा मंदिर पर जाने वालो का तांता लगा हुआ है।रामदेवरा मंदिर मुख्य स्थान पेटलावद नगर से 700 किमी दूर है। जहां पर जाने के लिए हर वर्ष भक्तों में होड मची रहती है। क्षेत्र से लगभग हजारों श्रद्वालु रामदेवरा तीर्थ पर जाते है। भादवी बीज को रामदेवजी का प्राकट्यउत्सव मनाया जाता है। जिसके लिए भादवा माह में भगवान रामदेवजी के दर्शन हेतु उनके मूल स्थान पर जाने वालों का तांता लगा रहता है। क्षेत्र से रामदेवजी मंदिर पर जाने वाले श्रद्वालुओं के लिए रास्तों में सैकडों स्थानों पर भोजन और रात्रि विश्राम की व्यवस्था भी निःशुल्क की जाती है। श्रद्वालुजन समूह बनाकर रामदेवरा जाने वाले भक्तों के लिए चाय नाश्ता, भोजन और रूकने की सुविधा उपलब्ध करवाते है। रामदेवरा के लिए जहां हजारों भक्त वाहनों, ट्रेनो और अपने स्वयं के दो पहियां वाहन से जाते है। वहीं हजारों श्रद्वालु पैदल भी रामदेवरा दर्शन हेतु जाते है। यह 700 किमी का सफर पैदल वाले लगभग 10 दिन में तय कर लेते है। वहीं दो पहिया वाहन वाले 3 से 4 दिन में दर्शन कर लोट आते है।
15 सदस्यीय दल रवाना।
इसी क्रम में नगर के राम मोहल्ला मंदिर से पं. पियुष जोशी ने 15 सदस्यीय दल को भगवान राम तेजाजी मंदिर राजापुरा का आर्शीवाद लेकर यात्रा के लिए प्रस्थान किया। तीर्थ यात्रा पर जा रहे दल के सदस्यों को पुष्पहार पहनाकर सम्मानित किया गया और महिलाओं ने मंगल गीत गा कर तीर्थ यात्रा के लिए रवाना किया।
प्रतिदिन हजारों जाते रामदेवरा।
इस समय क्षेत्र से रामदेवरा जाने वालों में गजब का उत्साह और विश्वास देखा जा रहा है। प्रतिदिन क्षेत्र से हाथ में रामदेवजी के झंडे लिये निकल रहे है। जिनका हुजूम देखकर उनकी प्रति श्रद्वा से हर कोई नतमस्तक हो जाता है। यह उत्साह एक दिन या दो दिन का नहीं हो कर वर्षो से इसी क्रम में चल रहा है। इस उत्साह में कभी कमी नहीं देखी गई है। समय के साथ आमजन की श्रद्वा में वृद्वी ही देखी गई है।

