श्री गणेश विसर्जन के साथ उत्सव का समापन हुआ, देर रात छायाकृति आकर्षण केंद्र रहीं देखें विडियो के साथ।...





 News@ सुरेश चंद्र परिहार।


शनिवार को देशभर के साथ साथ सारंगी में भी श्री गणेश विसर्जन का पर्व धूमधाम से मनाया गया, जो गणेश चतुर्थी उत्सव का अंतिम चरण होता है। इस दिन भक्त, भगवान गणेश की मूर्ति को जल में विसर्जित करते हैं और सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। यह दिन श्रद्धा, प्रेम और आस्था का प्रतीक है। हर साल इसी दिन गणपति बप्पा को विदाई दी जाती है और उनका विधिवत विसर्जन किया जाता है। गणेश महोत्सव के इस अंतिम दिन गणपति की आखिरी पूजा भी होती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अनंत चतुर्दशी पर गणेश विसर्जन से पहले उत्तर पूजा का विधान है। यह बप्पा को सम्मानपूर्वक विदाई देने और उनसे अनजाने में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगने का विशेष अनुष्ठान है। इसमें विधी विधान से पंचोपचार पूजा की जाती है, जिसमें गणपती जी को गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, मोदक और दूर्वा अर्पित किए जाते हैं। गणपति विसर्जन से पहले भगवान गणेश से क्षमा प्रार्थना करना आवश्यक है। उनसे अपनी भूल-चूक के लिए क्षमा मांगें और उनके आशीर्वाद से सुख-समृद्धि की कामना करते है।

सार्वजनिक पंडालों और घरों पर विराजमान भगवान गणेश की मूर्तियों को ढोल ताशे बजाते हुए श्री गणेश प्रतिमाओं को नगर की माही नदी ले जाकर विधिवत पूजा अर्चना के साथ विसर्जन किया। विसर्जन के लिए प्रशासन द्वारा नदी के बीच विशेष व्यवस्था की गई थी।

*गणेश विसर्जन का महत्व*

 मान्यता है कि विसर्जन के साथ ही भगवान गणेश अपने भक्तों के दुख और विघ्न हर लेते हैं। गणेश चतुर्थी पर हम भगवान गणेश को प्राण-प्रतिष्ठा के साथ आमंत्रित करते हैं और अनंत चतुर्दशी के दिन सम्मानपूर्वक जल में विसर्जित कर प्रकृति को वापस लौटा देते हैं।

भक्त ‘गणपति बप्पा मोरया’ के जयकारों के साथ बप्पा से पुनः आने की प्रार्थना करते

*आकर्षण सज्जा के साथ निकली झाकियां*

कई वर्षों से अनंत चतुर्दशी पर झाकियां निकाली जा रही है। जिसमें नगर के अलग अलग मोहल्ले से आकर्षण सज्जा के साथ झांकियां आतीं हैं और इस बार आयोजन समिति द्वारा भगवान व वानर ओर भगवान शिव, माता पार्वती, नंदी,गण ओर मां काली के ओर अन्य भगवानों 

मुखोडे वाले स्वरुप के साथ झांकिया आकर्षक का मुख्य केंद्र बिंदु रहीं।

 जिसे देखने नगर के साथ साथ आसपास  ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी हजारों की तादात में सारंगी की सड़कों पर नजर आते है। यह सभी झाकियां बस स्टैंड प्रांगण  से पुरे  मेन बाजार, भेरव नाथ बस स्टैंड होते हुए इमली चौक में आती है।


 यह मजमा आधी रात तक चलता है। झाकियों के आगे ढोल ताशे और बैण्ड पर भजन  बजते हुए चलते है।


पुलिस प्रशासन की व्यवस्था ,......

सुरक्षा और सुविधाओं की दृष्टि से सारंगी पुलिस, प्रशासन, विद्युत विभाग, कोटवार आदि विभागों के अधिकारी ओर कर्मचारी व्यवस्थाओं में लगे रहे। 

पुलिस का दल भीड़ को नियंत्रित करते हुए हुड़दंगी यों पर नजरें गड़ाए हुए लगातार नगर में भ्रमण पर रहे।


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