जावरा ( नि प्र ) हिंदी ने अनेक उतार-चढ़ाव देखे हैं इसने विद्रोह भी देखा है और विप्लव भी देखा है इसने ठकुराइन मीरा को कृष्ण के भजन में लीन होते देखा तो वही सूर को संत सूरदास बनते भी इस हिंदी में देखा है।
हिंदी ने स्वामी दयानंद सरस्वती को सत्यार्थ प्रकाश में उनके पांडित्य के लिए सादर वंदन किया है उक्त विचार सुंदरलाल जोशी 'सूरज' नागदा ने जावरा में अखिल भारतीय साहित्य परिषद द्वारा हिन्दी दिवस पर आयोजित समारोह में अध्यक्षीय उद्बोधन में कहे। इस अवसर पर आयोजित काव्य संध्या में सुंदरलाल जोशी सूरज ने सरस्वती वंदना की मधुर प्रस्तुति दी। मुख्य अतिथि डा लक्ष्मीनारायण सत्यार्थी, विशेष अतिथि पत्रकार कैलाश सनोलिया (नागदा), एवं राकेश मिश्रा का हिंदी साहित्य में अपने अवदान के लिए शाल और मोती माला से सम्मानित भी किया गया। जावरा के वरिष्ठ पत्रकार जगदीश राठौर का पत्रकारिता की रजत जयंती वर्ष (1974 से 2025) मे भी उनकी अनवरत पत्रकारिता सेवा हेतु शाल, पुष्पमाला एवं प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया । कार्यक्रम में विशेष अतिथि हिंदुस्तान समाचार न्यूज़ एजेंसी के जिला संवाददाता कैलाश सनोटिया का जीवन परिचय वरिष्ठ पत्रकार जगदीश राठौर ने दिया।
कवि सुंदरलाल उपाध्याय, गोपाल सुनहरे ,कृष्णचंद्र पुरोहित , फ़ज़लहयात, मनोहरसिंह चौहान, विजय जैन, श्रीमती लक्ष्मी जोशी ने काव्य पाठ कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में भारतीय जनता पार्टी प्रदेश कार्य समिति सदस्य कान्हसिंह चौहान , महिला रोग विशेषज्ञ डा श्रीमती ज्योति उपाध्याय, डॉ शशि मेहता , प्रोफेसर सुरेश मेहता , प्रोफेसर ए. एन. पालीवाल , संतोष मेडतवाल, अनिल पावेचा , निकुंभ पुरोहित,छोटे खान ,राम चचलानी , अभय श्रीवास्तव ,दिलीप सेठिया एवं अन्य साहित्य प्रेमी उपस्थित थे । हिंदी साहित्य परिषद मालवा प्रांत शाखा जावरा अध्यक्ष डां प्रकाश उपाध्याय ने स्वागत उद्बोधन और हिंदी गीत की सुमधुर प्रस्तुति दी। संचालन कवि राजेंद्र श्रोत्रिय ने किया। आभार संस्था के वरिष्ठ बाबूलाल नाहर ने माना ।
