News@ हरिश राठौड़
*पेटलावद।‘‘नंद के घर आनंद भयो,जय कन्हैया लाल की‘‘* के जयकारों के साथ भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव धूमधाम के साथ मनाया गया। भगवान कृष्ण के जन्म के साथ ही संसार रूपी जेल के सभी ताले खुल जाते है। माया रूपी बेडियां टूट जाती है। और स्वार्थ के पहरेदार बेहोश हो जाते है। वही वेतरणी रूपी यमुना भी रास्ता दे देती है। इसलिए भगवान का हमारे जीवन में जन्म होना हमारे पुण्य कर्मो का फल होता है। उक्त बात भागवत कथा मर्मज्ञ व कथा वाचक पं. पंकज नरेंद्र नंदन दवे ने निलकंठेश्वर महादेव मंदिर पर चल रही श्रीमद भागवत कथा के दरम्यान कृष्ण जन्मोत्सव पर कहीं।
इस मौके पर एक छोटे से बालक को कृष्ण का रूप और भक्त विजय पेमाजी चोयल को वासुदेव बना कर कृष्ण जन्मोत्सव की लीला का सजीव चित्रण किया गया। जिसका आनंद उपस्थित भक्तसमुदाय ने नाचते गाते, भजन किर्तन करते हुए पुष्प वर्षा कर एक दूसरे को बधाई दे कर उत्सव मनाया।
*सज्जन व गौ माता की रक्षा और धर्म स्थापना करने के लिए प्रभु जन्म लेते है।*
पं. दवे ने कहा कि भगवान कृष्ण का जन्म केवल दुष्टों के विनाश के लिए नहीं सज्जन पुरूषो और गौ माता की रक्षा तथा धर्म की स्थापना के लिए हुआ है। भगवान ने अपनी बाल लीलाओं के माध्यम से सद प्रेरणा दी है। उनकी हर लीला हमारे जीवन को प्रेरणा देती है और हमस त्य की राह पर चल कर हमारे जीवन का परम उदेश्य पा सकते है।
इस मौके पर पं. नरेंद्र नंदन जी दवे ने भजनों से भक्तों को भाव विभोर कर दिया। इस मौके पर भक्तों ने कथा वाचक पं. पंकज जी दवे और पं. नरेंद्र नंदन जी दवे का साफ बांध कर सम्मान किया। लगातार कई वर्षो से निलकंठेश्वर महादेव मंदिर कथा का क्रम सतत जारी है। जिसका लाभ सैकडों भक्त उठाते है।
वहीं कथा का शुभारंभ 31 अगस्त से हुआ और विश्राम 7 सितम्बर को भगवत गीता पाठ के साथ होगा।
कथा का आनंद नगर की धर्मप्रेमी जनता प्रतिदिन ले रही है। प्रतिदिन शाम को महाआरती और महाप्रसादी का वितरण लाभार्थीयों के द्वारा किया जा रहा है। कथा में निलकंठेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी पं. मनोहरदास वैरागी और उनके पुत्र शिवदास वैरागी का पूर्ण सहयोग मिल रहा है। इसके साथ ही भक्तगण व्यवस्थाओं में सहयोग प्रदान कर रहे है।