News@सुरेश चन्द्र परिहार
सभी दुर अक्सर यह देखा जा सकता था कि हर गांव,शहर, ओर यहां तक छोटे छोटे गांव में भी मेडिकल स्टोर खुल रहे हैं थें कारण यह था कि किसी का भी फार्मासिस्ट का लाइसेंस किराये पर लें कर मेडिकल स्टोर आसानी से खोल दें रहें थे और अभी हाल ही हुए घटना क्रम में तीन,चार बच्चों की खांसी सिरप से जान चली गई जिस पर मध्यप्रदेश फार्मेसी कॉसिल भोपाल ने कठोरता से यह कदम उठाया कि
*बिना फार्मासिस्ट मेडिकल स्टोर चलाया तो 3 महीने की सजा होगी*
*फार्मेसी काउंसिल ने जारी किया नोटिस*
*बिना फार्मासिस्ट के दवा बिक्री पर रोक*
*मेडिकल स्टोर को निर्देश बिना प्रिस्क्रिप्शन दवा ना दें*
*गैर-पंजीकृत व्यक्ति को दवा क वितरण, बिक्री की अनुमति नहीं*
*कमी मिली तो लाइसेंस निरस्त होगा*
झाबुआ का स्वास्थ्य विभाग कितना जाग्रत हैं तत्परता दिखाता है।
और अब देखना यह है कि झाबुआ का स्वास्थ्य विभाग भी इस आदेश का पालन पुरे इमानदारी से करवाता है या नहीं या केवल चितौड़ी कार्यवाही कर इतिश्री कर लेंगा जैसे झोलाछाप डॉक्टर पर नाम मात्र कार्यवाही कर वाहवाही बटोर लेनें का काम करता आ रहा है