News@हरीश राठोड
पेटलावद। सुपात्र को दान देने से ही उस दान का महत्व रहता है। जिसको वास्तविक जरूरत हो उसे दान देना चाहिए। पितृ पक्ष में दिया गया दान पितृों को लगता है। पितृों के आर्शीवाद से सभी कार्य आसान होते है। इसके साथ ही भगवान को प्रसन्न करने के लिए केवल भक्ति का मार्ग है। भगवान परशुराम ने जब पृथ्वी पर से क्षत्रियों का नाश किया। उक्त बात कथा व्यास पं. अनिरूद्व शुक्ला आशुतोष ने श्रीमद विष्णुपुराण की कथा के दरम्यान कहीं। लक्ष्मीनारायण मंदिर,राठौड समाज के द्वारा दिनांक 18 अगस्त 25 अगस्त तक श्रीमद विष्णुपुराण कथा का आयोजन रखा गया है। जहां प्रतिदिन कथा व्यास पं. शुक्ला सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक कथा का वाचन कर रहे है। वहीं पं. आशुतोष दवे मूल पारायण का पाठ कर रहे है और भजनों पर पं. बब्बन दवे और टीम के द्वारा भजनों की प्रस्तुति दी जा रही है। श्रोतागण कथा का आनंद ले रहे है। कथा का आयोजन सकल क्षत्रिय राठौड समाज और समस्त भक्तजन,पेटलावद द्वारा किया जा रहा है।


